कमान सोनिया गांधी के पास रहेगी; 2 कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनेंगे

नई दिल्ली 22 अगस्त । कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही कश्मकश अगले 20 दिन में खत्म हो जाएगी।
राहुल गांधी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वे किसी भी सूरत में अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हैं। पार्टी गांधी परिवार से बाहर किसी को नया अध्यक्ष चुने।
हालांकि, कांग्रेस के नेता इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में एक नया फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, नए फॉमूले के तहत अगले 5 साल के लिए सोनिया गांधी ही राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगी। उनके अंडर में दो कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।
एक कार्यकारी अध्यक्ष दक्षिण से और दूसरा उत्तर भारत से बनाए जाने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर पार्टी के भीतर सहमति बनती नजर आ रही है। इसके बाद नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
दक्षिण भारत से खडग़े और रमेश चेनिथला का नाम
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कर्नाटक से मल्लिकार्जुन खडग़े और केरल से रमेश चेनिथला का नाम सबसे आगे है। खडग़े अभी राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। वे गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं और लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता रह चुके हैं। दूसरा नाम रमेश चेनिथला का है। वे केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। उन्हें भी गांधी परिवार का करीबी बताया जाता है।
उत्तर भारत से गहलोत-पायलट का नाम, लेकिन दोनों ने मना किया
कांग्रेस राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट में से किसी एक को कार्यकारी अध्यक्ष बनाना चाह रही है। उत्तर भारत से गहलोत और पायलट दोनों ताकतवर चेहरे हैं। गहलोत अनुभवी नेता है और केंद्र में कई बार मंत्री रह चुके हैं। गहलोत तीन बार प्रदेश अध्यक्ष, तीन बार मुख्यमंत्री और कई राज्यों के प्रभारी भी रहे हैं। ऐसे में उनके सामने कोई दूसरा चेहरा बेहद हल्का है। हालांकि, गहलोत खुद अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष पद की रेस से अलग होने की बात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री का पद छोड़कर शायद ही वे दिल्ली जाएं। युवा चेहरे के तौर पर सचिन पायलट का नाम लिया जा रहा है। सचिन पायलट भी राजस्थान छोड़कर कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं है। अब देखना होगा कि कांग्रेस आलाकमान कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए गहलोत या पायलट में से किसे मना पाता है। या दोनों के अलावा किसी तीसरे नाम पर सहमति बनेगी। गहलोत या पायलट में से किसी एक के दिल्ली जाने से राजस्थान कांग्रेस का विवाद भी खत्म करने में मदद मिलेगी।
राहुल गांधी 6 महीने भारत जोड़ो यात्रा पर फोकस करेंगे
अगले महीने 7 सितंबर से कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर में खत्म होगी। अगले 6 महीने तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी शामिल होंगे। उनका पूरा ध्यान इसे सफल बनाने पर रहेगा।कांग्रेस ने उदयपुर संकल्प शिविर में 2 अक्टूबर से यह। यात्रा निकालने का फैसला लिया था। 2 अक्टूबर को नवरात्र की सप्तमी पड़ रही है। इसे देखते हुए यात्रा तय तारीख से पहले निकाली जा रही है। भारत जोड़ो यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से होकर निकलेगी। इस दौरान 3,500 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। पहले महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था। इसने 5 साल बाद देश को आजादी दिलाई। उसी की तर्ज पर कांग्रेस कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है।