देवास में हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप का मामला…
देवास के 2 डॉक्टर और भीलवाड़ा की महिला बनी आरोपी…
कोतवाली पुलिस ने एफ आईआरदर्ज कर शुरू की जांच…

देवास। हसीनाओं के हुस्न के जलवे और उनकी अदाओं के हनी में ट्रैप होते ही ही शुरू हो जाता है ब्लैकमेलिंग और जबरिया वसूली का काला कारोबार।
जी हां देवास में ऐसा ही हनी ट्रैप का हाईप्रोफाइल मामला सामने आया है। जिसमें एक नर्सिंग होम संचालक से एक हसीना और दो डाक्टरों ने मिलकर 9 लाख रुपए ऐंठ लिए। जब खेल यहीं खत्म नहीं हुआ तो नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब पुलिस ने नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर पवन चिल्लोरिया की रिपोर्ट पर राजस्थान के भीलवाड़ा की रहने वाली जोया उर्फ मोनिशा डेविड और देवास के कैलादेवी रोड निवासी डॉक्टर संतोष दाभाड़े एवं टोंक खुर्द निवासी डॉ महेंद्र गालोदिया के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 और 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है। देवास एसपी डॉक्टर शिवदयाल सिंह ने कहा कि अभी जांच शुरू की गई है, अगर और भी कोई दोषी पाए जाते हैं तो वे बक्शे नहीं जाएंगे।
पुलिस अधीक्षक देवास
देवास के नर्सिंग होम संचालक डॉक्टर पवन चिल्लोरिया ने 11 पेज का आवेदन कोतवाली पुलिस को दिया था। जिसमें कहा गया कि उनके पास एक फोन आया जिसमें सामने महिला थी उसने कहा आप डॉक्टर सिंघल बोल रहे हैं तो डॉ पवन चिल्लोरिया ने कहा नहीं आपको यह नंबर किसने दिया तब महिला ने कहा मैं जोया खान बात कर रही हूं डॉक्टर सिंघल से बात करना थी, लेकिन आपका नंबर लग गया। फिर दोबारा फोन आया और महिला बोली आपसे बात की तो लगा कि आप अच्छे इंसान हैं आपसे दोस्ती की जा सकती है। बस यहीं से शुरू हुआ सिलसिला और उन्हें हनी के जाल में ट्रैप कर 9 लाख रुपए ऐंठ लिए गए।
अब डॉक्टर के 11 पेज के आवेदन पर पुलिस ने जांच शुरू की है। माना जा रहा है कि अभी इसमें कई परतें खुलना बाकी हैं। परत दर परत कई चेहरे और बेनकाब हो सकते हैं। फिलहाल देवास एसपी डॉक्टर शिव दयाल सिंह ने इसे एक्सटॉर्शन का मामला बताते हुए कहा है कि अभी f.i.r. हुई है। जांच में जैसे-जैसे तथ्य और सामने आएंगे, कानून अपना काम करेगा।