अनपढ़ मजदूर मां-बाप का होनहार बेटा,पहले IITऔर अब बना आईएएस,यह है सफलता का फॉर्मूला

मां मनरेगा में मजदूर तो पिता करते खेती

Rai Singh Sendhav

जयपुर 01 जून। अक्सर लोग कहते हैं कि पढ़े-लिखे या पैसे वालों के बच्चों को ही बड़ी सरकारी नौकरी मिलती है। लेकिन इस कहावत को एक मजूदर माता-पिता के बेटे ने तोड़ दिया है।
क्योंकि जोधपुर जिले में रहने वाले अनपढ़ मां-बाप ने बेटे का सिलेक्शन यूपीएससी की परीक्षा में हो गया है। यानि वह आईएएस अधिकारी बन गया है। बिना किसी कोचिंग के उसने यह कामयाबी हासिल की है। इससे पहले वह आईआईटी जैसे बड़ी परीक्षा भी पास कर चुका है।
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट सोमवार को जारी कर दिया है। आइए जानते हैं इस होनहार स्टूडेंट की कामयाबी की कहानी…

मां मनरेगा में मजदूर तो पिता करते खेती

दरअसल, अपनी मेहनत की दम पर कामयाबी के झंडे गाड़ने वाला यह होनहार स्टूडेंट 26 साल का सोहनलाल है। जिसने दो दिन पहले आए यूपीएससी रिजल्ट में सोहनलाल को 681वीं रैंक हासिल की है। वह मूल रुप से जोधपुर के तिवरी तहसील के रामपुरा के राम नगर में अपने परिवार के साथ रहता है। सोहन को पढ़ाने के लिए उसके गरीब माता-पिता ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि वह खुद दोनों अनपढ़ हैं। बता दें कि मां मनरेगा मजदूरी करती हैं तो वहीं पिता एक छोटे किसान हैं।

यूपीएससी के लिए ठुकराया लाखों का ऑफर

आईएएस अफसर बनने वाले सोहनलाल ने अपनी कामयाबी की कहानी बताते हुए कहा कि उसने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से की है। इसके बाद 11वीं और 12वीं के लिए वह कोटा चला गया था। 12वीं के साथ-साथ उसने आईआईटी की तैयारी की और उसका चयन भी हो गया। जिसके बाद 2018 में मुंबई आईआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान वहां एक एक सीनियर का आईएएस में सिलेक्शन हुआ तो पता चला आईएएस क्या होता है। फिर मैंने भी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। आईआईटी पास होने के बाद जब प्लेसमेंट के लिए कंपनियां आईं तो मैंने उसमें अप्लाई नहीं किया। सोच लिया था कि अब तो आईएएस ही बनूंगा।

तीन बार फेल हुआ…लेकिन नहीं हारी हिम्मत और चौथी बार मिल गई सफलता

सोहनलाल ने बताया कि मैंने आईआईटी कंप्लीट होने के बाद चार साल ब्रेक लिया और सेल्फ स्टडी करके यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि जब कभी दोस्तों को देखता तो ख्याल आता की मैं भी नौकरी कर लेता हूं। लेकिन बड़े भाई श्रवण ने समझाया कि प्राइवेट नौकरी तो कभी मिल जाएगी, लेकिन आईएएस बनने का अभी क्रीम टाइम है इस पर ही फोकस करो। फिर मैंने यही लक्षय बनाया। बिना कोचिंग के घर पर ही कड़ी मेहनत से तैयारी की। इसके लिए यू-ट्यूब देखता और वहीं से नोट्स बनाता। रोजाना करीब यू-ट्यूब के जरिए 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करता था। पहली बार में इंटरव्यू तक पहुंचा, लेकिन सिलेक्ट नहीं हो पाया। इसके बाद दूसरे और तीसरी बार में प्री भी क्लियर नहीं कर सका। लेकिन में निराश नहीं हुआ, माता-पिता और भाई ने हिम्मत दी, और आज चौथी बार में सिलेक्शन हो गया।

फ़ोटो केप्शन- मां और बाप के साथ सोहन लाल

संपादक

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