देवास लैंड पुलिंग योजना के तहत किसानों की जमीनों पर उद्योग और सड़कें बनाने की योजना के खिलाफ देवास और आसपास के गांव के किसान आज सड़कों पर उतरे। चामुंडा कांप्लेक्स से रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे, किसानों ने जमकर नारेबाजी की और शासन प्रशासन की इस नीति का कड़ा विरोध किया। किसान एकता मंच के बैनर तले हुए इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रदीप चौधरी ने लैंड पुलिंग को एक सोचा समझा स्कैम बताया है। उन्होंने कहा किसान किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देगा। इसके लिए जो भी आंदोलन करना पड़े या अनशन पर बैठना पड़े तो वह करेंगे।

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आपको बता दें आज देवास शहर से लगे आसपास के गांव के सैकड़ों किसान आंदोलन पर उतर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम SDM को दिए ज्ञापन में लैंड पूलिंग योजना वापस लेने की मांग की है। किसान एकता मंच का नेतृत्व कर रहे प्रदीप चौधरी ने कहा कि पूर्व में भी किसानों की जमीनें अधिग्रहित कर उद्योग लगाए जाने की बात की गई थी। जो उद्योग लगे थे, उनमें से 80 फ़ीसदी उद्योग बंद पड़े हैं। उसके बावजूद एक बार फिर किसानों की जमीन हथियाने का प्रयास किया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि लैंड पुलिंग योजना के तहत एक भी किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है। उसके बावजूद सर्वे का कार्य जारी है। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल एमपीआरडीसी के अधिकारियों से भी मिल चुका है। उन्होंने भी आश्वासन दिया था कि किसानों की मर्जी के बिना ऐसा कुछ नहीं होगा। बावजूद इसके सर्वे का कार्य लगातार जारी है। डायवर्सन रोक दिए गए हैं। रजिस्ट्री होने पर रोक लगा दी गई है। यह क्या दर्शाता है? चौधरी ने कहा कि लैंड पूलिंग में जिन गांवों को शामिल किया गया है, उनमें 9 गांव तो नगर निगम की सीमा में आते हैं। शहरी क्षेत्र में उद्योग लगाकर क्या दर्शना चाहता है प्रशासन। सरसौदा में हजारों करोड़ लगाकर औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया है। उद्योग लगाना ही है तो वहां लगाएं, लेकिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो किसान अपने बच्चों को क्या खिलाएंगे? उन्होंने कहा किसानों की जमीन की लैंड पूलिंग नहीं होने देंगे। इसके लिए भूख हड़ताल और अनशन जैसे आंदोलन की जरूरत पड़ी तो वह भी करेंगे।