यहां पानी में तैरती है पाषाण प्रतिमा

साढ़े 7 किलो वजनी इस पत्थर की प्रतिमा के पानी में तैरने से तय होती है पूरे वर्ष की भविष्यवाणी

पानी में तैरती प्रतिमा देख कर हजारों साक्षी हुए धन्य

तीनों बार पानी में तैरी भगवान नृसिंह की प्रतिमा, सुख और समृद्धि का रहेगा वर्ष..

हाटपिपल्या। देवास जिले के हाटपिपल्या की भमोरी नदी किनारे बने नृसिंह मंदिर की चमत्कारी साढ़े सात किलो वजनी पाषाण प्रतिमा प्रतिवर्ष डोल ग्यारस के दिन पानी मे तैराई जाती है। इस खास दिन यहां भगवान नृसिंह की पत्थर की प्रतिमा के पानी मे तैरने का चमत्कार होता है। इतना ही नही प्रतिमा के पानी मे तैरने से यहां पूरे वर्ष की भविष्यवाणी तय होती है।

Rai Singh Sendhav

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हर बार की तरह नृसिंह घाट पर भगवान नृसिंह की प्रतिमा को तीन बार पानी मे तैराया गया। प्रतिमा तीनों बार पानी मे तैरती रही। इसके साक्षी हुए वह हजारों श्रद्धालु जो वहां यह नजारा देखने इकट्ठे हुए थे। प्रतिमा के तैरते ही समूचा वातावरण भगवान नृसिंह के जयकारों से गूंज उठा।

हाटपिपल्या में भमोरी नदी पर बने नृसिंह घाट पर पूजा-अर्चना कर मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के पुजारी ने प्रतिमा को पानी मे छोड़ा। शाम 5 बजकर 50 मिनट से 5 बजकर 55 मिनट के बीच प्रतिमा को तीन बार पानी मे छोड़ा गया। प्रतिमा तीनों बार पानी मे तैरती रही। किवदंती है कि यदि भगवान की प्रतिमा एक बार तैरती है तो साल के चार माह अच्छे माने जाते हैं और यदि तीन बार तैरे तो पूरा साल अच्छा बीतता है। जैसे ही प्रतिमा तीनों बार तैरी जयकारों के बीच लोग एक दूसरे को बधाई देते नजर आए।

संपादक

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