
सीएसएमआर ने दे दी हरी झंडी
पहले चरण में 5.90 किमी लंबे गलियारे पर मेट्रो चलेगी
शुरुआत में तीन डिब्बों की रेल चलाई जाएगी
इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो ट्रेन अब दौड़ने को अब तैयार है। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CSMR) ने इंदौर की मेट्रो रेल परियोजना को हरी झंडी दे दी है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएमआरसीएल) के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, ‘‘सीएमआरएस ने अपने विस्तृत निरीक्षण के बाद शहर की मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी है. सीएमआरएस का अंतिम निरीक्षण पिछले महीने हुआ था जिसमें इस परियोजना को अलग-अलग पैमानों पर परखा गया था।’ पहले चरण में 5.90 किलोमीटर लम्बे सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर मेट्रो रेल का वाणिज्यिक परिचालन किया जाएगा। यह कॉरिडोर शहर के गांधी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के तीन नंबर स्टेशन तक फैला और इसमें पांच मेट्रो स्टेशन हैं।
अधिकारी के मुताबिक, शहर में मेट्रो रेल के स्टेशन इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि इनके जरिये छह डिब्बों की रेल चलाई जा सकती है. उन्होंने हालांकि बताया, ‘‘शुरुआत में हम तीन डिब्बों की रेल चलाएंगे। यात्रियों की तादाद बढ़ने पर इसमें तीन और डिब्बे जोड़े जा सकते हैं.’’ मेट्रो रेल के एक डिब्बे में करीब 300 यात्री सफर कर सकते हैं जिनमें सीट पर बैठने वाले 50 लोग शामिल हैं। 5.90 किलोमीटर लम्बे सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर मेट्रो रेल का ट्रायल रन सितंबर 2023 में किया गया था।
पर्याप्त यात्री मिलने पर संशय
यह गलियारा शहर की नयी बसाहट में है जहां छितराई आबादी है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि शुरुआत में इस मार्ग पर मेट्रो को पर्याप्त सवारियां मिलने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं। राज्य के नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दो अप्रैल को कहा था कि सर्वोच्च प्राथमिकता वाले गलियारे पर मेट्रो रेल चलाने से पहले सवारियों की संभावित संख्या का आकलन किया जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘‘हम शहर में मेट्रो रेल चलाकर घाटा नहीं उठाना चाहते. इसलिए हम किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं।’
2019 में रखी गई थी पहले चरण की नींव
इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव 14 सितंबर 2019 को रखी गई थी इसके तहत शहर में गोल आकार वाला करीब 31.50 किलोमीटर लम्बा मेट्रो रेल कॉरिडोर बनाया जाना है।