प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के लिए हलचल तेज

भोपाल। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अब हलचल तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए बनाए गए चुनाव अधिकारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द ही भोपाल आ सकते हैं।

Rai Singh Sendhav

दिल्ली विधानसभा चुनाव और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) के चलते मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव एक माह टलने के बाद अब फिर से उसकी कवायद तेज हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द भोपाल आ सकते हैं।

उनके भोपाल आने के बाद वरिष्ठ नेताओं के साथ रायशुमारी होने की बात कही जा रही है, जिसके बाद होली से पहले मप्र को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है। बता दें कि भाजपा ने 2003 में 10 साल सत्ता में रहने वाली कांग्रेस को हटाकर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई।

इसके बाद अपनाए गए फार्मुले ने भाजपा को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है। जिसके अनुसार भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा ओबीसी वर्ग से और प्रदेश अध्यक्ष स्वर्ण को बनाया है। हालांकि इस बार मुख्यमंत्री के साथ ही दो उपमुख्यमंत्री बनाने से जातिगत समीकरण को लेकर कई नेता रेस में शामिल हो गए है।

नरोत्तम मिश्रा रेस में सबसे आगे

पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है। वह ब्राह्मण वर्ग से आते हैं और राज्य की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। उनकी केंद्रीय नेतृत्व से भी अच्छी ट्यूनिंग मानी जाती है। वर्तमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा हैं, जो ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। वीडी को पार्टी नई जिम्मेदारी दे सकती है।

हेमंत खंडेलवाल का नाम भी आया आगे

बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम तेजी से आगे आया है। खंडेलवाल को संघ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी के अन्य नेताओं का समर्थन मिल रहा है। हेमंत खंडेलवाल के पिता स्व. विजय खंडेलवाल भी भाजपा के नेता थे, जिससे उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि मजबूत और पार्टी से बहुत गहरा जुड़ाव है।

इनके नाम भी चर्चा में

पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया संगठन के एक कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। हालांकि, वह 2023 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे, लेकिन पार्टी उन्हें एक बार फिर सक्रिय करना चाहती है। इससे पहले नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान और राकेश सिंह क्षत्रिय वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में इस वर्ग से भी कोई नाम आ सकता है।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता फग्गन सिंह कुलस्ते आदिवासी वर्ग से आते हैं और मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग की अहमियत को देखते हुए उनकी दावेदारी काफी मजबूत हो सकती है। हालांकि उनकी उम्र उनके लिए बड़ी बाधा बन रही है। इसी वर्ग से सुमेर सिंह सोलंकी, दुर्गादास उइके के नाम की भी चर्चा है।

संपादक

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