साइबर अपराध एवं सुरक्षा विषय पर कार्यशाला

Rai Singh Sendhav

साइबर क्राइम से बचना है तो अनजान लिंक पर क्लिक न करें-कलेक्टर गुप्ता

साइबर क्राइम के शिकार होने पर 1930 पर तुरंत कॉल करें- SP

देवास। कलेक्टर ऋषव गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक पुनित गेहलोद की उपस्थिति में जिला पंचायत के सभाकक्ष में साइबर अपराध एवं सुरक्षा विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसके साथ ही बीमा सखी उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ। कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से किया गया।
साइबर क्राइम से बचना है तो अनजान लिंक पर क्लिक न करें
कार्यशाला में कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि वर्तमान समय में साइबर अपराध बहुत संख्या में बढ़ रहे हैं। साइबर क्राइम से बचना है तो अनजान लिंक पर क्लिक न करें। कोई भी ऐप को डाउनलोड करना है तो सिक्योर यूआरएल से ही करें तथा ऐप डाउनलोड करना है तो गुगल प्ले स्टोर से ही करें। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास कोई अनजान वीडियो कॉल आता है तो उठाएं नहीं उसे तुरंत कट कर दें। अगर आपने वीडियो को रिसीव कर लिया तो वह आपको ब्लेकमैल जरूर करेगा।
शिकार होने पर 1930 पर कॉल करें
कार्यशाला में कलेक्टर गुप्ता ने कहा कि साइबर क्राइम का सबसे बड़ा कारण होता है लालच, अगर आप लालच में आकर किसी लिंक क्लिक कर देते हैं या ऐप को डाउनलोड कर देते हैं तो वह आपके मोबाइल का पूरा डेटा, बैंक की जानकारी सहित अन्य जानकारी प्राप्त करके आपके साथ साइबर क्राइम करेगा। इसलिए लालच में ना आए और यदि आप साइबर क्राइम के शिकार हो भी जाएं तो तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें तथा उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दें।
पैसा डबल करने के चक्कर में होते हैं शिकार
कार्यशाला में कलेक्टर श्री गुप्ता ने कार्यशाला में वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से सभी को साइबर क्राइम से जागरूक करने के संबंधी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शेयर बाजार में पैसा डबल करने के चक्कर में साइबर क्राइम का शिकार हो जाते हैं। इसलिए साइबर क्राइम में बचाव के लिए विशेष ध्यान रखें तथा किसी भी प्रकार के लालच में ना आएं। उन्होंने कहा कि आप यदि सोशल प्लेटफॉर्म उपयोग या डिजिटल लेन देन करते हैं तो विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि कठिन पासवर्ड बनाए, पासवर्ड को सरल अंकों या शब्दों में ना रखें। पासवर्ड को जटिल बनाएं। उन्होंने जिले में साइबर क्राइम को रोकने के संबंध में पुलिस प्रशासन की प्रशंसा की तथा जिला पंचायत द्वारा महिलाओं को आत्म्‍ निर्भर बनाने के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए सीईओ जिला पंचायत श्री हिमांशु प्रजापति की भी प्रशंसा की।
जागरूकता के प्रचार प्रसार पर जोर

कार्यशाला में कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि आज आपने कार्यशाला में जो भी सीखा, समझा। यहां से जाने के बाद इसका प्रचार प्रचार अपने क्षेत्र एवं गांव में करें तथा अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें, जिससे कोई दूसरा व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार न हो सकें। आप सभी जागरूक होकर कार्य करेंगे तो साइबर क्राइम को रोका जा सकेगा। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी दी और बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है। इससे डरे नहीं लालच एवं डर को दूर करें तथा साइबर क्राइम का शिकार होने पर तुरंत कॉल करें, जितनी जल्दी आप कॉल करेंगे उतनी जल्दी साइबर ठगी को रोका जा सकेगा।
साइबर अपराध अदृश्य होता है
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक श्री पुनित गेहलोद ने कहा कि वर्तमान में साइबर क्राइम ऐसा अपराध है जो कि अदृश्य रहता है। दूसरे अपराधी को हम पहचान सकते हैं लेकिन साइबर अपराधी को नहीं पहचान सकते हैं। साइबर अपराधी दूर से बैठे-बैठे काम कर देता है और हमारे बैंक खाते खाली कर देता है। इसलिए हमें विशेष सावधानियां रखना चाहिए। उन्होंने सभी को जागरूक करते हुए कहा कि यदि हम सावधानी रखेंगे तो साइबर क्राइम से बच सकते हैं। पुलिस अधीक्षक श्री गेहलोद ने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने में आप लोग भी मदद कर सकते हैं, देवास जिले में वर्ष 2024 में करोड़ों रुपए की साइबर ठगी हुई है लेकिन आपके जागरूक होने से साइबर क्राइम की शाखा द्वारा संबंधित व्यक्ति को रुपए वापस दिलाए गए हैं।
क्या बोले पुलिस अधीक्षक गहलोद
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक श्री पुनित गेहलोद ने कहा कि यदि आप साइबर क्राइम के शिकार हो गए हैं तो तुरंत टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करें या फिर 100 नंबर डायल करके भी सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप जैसे इन नंबरों को डायल करेंगे तुरंत आपसे संबंधी थाना प्रभारी आपके कॉल करेंगे। इसके साथ ही हमारी साइबर की टीम आप से संपर्क करेगी। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय से भी आपको फोन करके जानकारी ली जाएगी तथा आपके साथ ठगी हुई तो आपके बैंक खाते को सीज करके आपकी राशि वापस दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। साइबर अपराध से खुद को बचाने के लिए सक्रिय उपायों और सतर्कता की आवश्यकता है। साइबर अपराध से बचने के लिए विश्वसनीय इंटरनेट सुरक्षा सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें, और संदिग्ध लिंक से बचें। इससे बचने के लिए अपनी पर्सनल जानकारी किसी को न दें, अति आवश्यक होने पर बैंक जाकर जानकारी चेक करें, फर्जी कॉल्स और इनामी मैसेज से बचें। समय-समय पर अपना एटीएम कार्ड पासवर्ड बदलते रहें। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी दी और बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है। इससे डरे नहीं लालच एवं डर को दूर करें तथा साइबर क्राइम का शिकार होने पर तुरंत कॉल करें, जितनी जल्दी आप कॉल करेंगे उतनी जल्दी साइबर ठगी को रोका जा सकेगा।

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