घोटालेबाज पटवारियों पर बड़ी गाज…

एमपी में किसानों के नाम हुआ था बड़ा घोटाला…
फसलक्षति मुआवजा वितरण में किया था घोटाला…
किसानों के बदले अपनों के खातों में डाल दिये थे करोड़ों रुपये…
देवास जिले में हुई कारगर कार्रवाई…
अब तक 18 पटवारी और दो बाबू किए गए बर्खास्त…
दो पटवारी को गिरफ्तार कर भेजा जेल…
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ देवास कलेक्टर का कड़ा कदम…

Rai Singh Sendhav

(दिलीप मिश्रा)
देवास। मध्य प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में किसानों की खराब हुई फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे के करोड़ों रुपए की बंदरबाट पटवारी और राजस्व विभाग के बाबुओं ने कर डाली थी। वर्ष 2018 से 2022 के बीच हुए इस बड़े घोटाले का खुलासा कैग रिपोर्ट में सामने आया था। उसके बाद मामला विधानसभा में भी गरमाया। किसानों की मुआवजा राशि घोटाले में देवास जिले सहित भिंड, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, मंदसौर, छतरपुर, खंडवा, सिवनी, आगर-मालवा, रायसेन और सतना जिलों में करीब साढ़े 12 करोड रुपए का घोटाला सामने आया था।

आखिर क्या था घोटाला…?

ओलावृष्टि, सूखा और अतिवृष्टि से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने किसानों को मुआवजा देने के आदेश दिए थे। सरकार ने तो किसानों को मुआवजा भी भेजा, लेकिन देवास सहित करीब एक दर्जन जिलों में पटवारी और बाबुओं ने करीब साढ़े 12 करोड़ की राशि किसानों को देने के बजाय अपने परिजन रिश्तेदार और नजदीकी संबंधियों के खाते में ट्रांसफर कर दी थी। महालेखाकार के अंकेक्षण प्रतिवेदन में यह बात सामने आई और मामला विधानसभा में भी गूंजा।

देवास जिले में बड़ी कार्रवाई…

बात देवास जिले की करें तो यहां कन्नौद, खातेगांव, सोनकच्छ और टोंकखुर्द क्षेत्र के 35 पटवारी और बाबुओं के खिलाफ विभागीय जांच की गई। इनमें 18 पटवारी और दो बाबू के खिलाफ वर्ष 2023 में विभिन्न थाना क्षेत्र में प्रकरण दर्ज किए गए।
देवास जिले में दो पटवारी और दो बाबुओं की पूर्व में ही सेवा समाप्त की गई थी। हाल ही में देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए 16 पटवारी को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। बर्खास्तगी के आदेश के साथ ही तीन दिवस के अंदर ही दो पटवारी बंसीलाल डाबर को राता तलाई और अर्जुन वर्मा को खातेगांव से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

किन पर गिरी गाज..?

आरोपी पटवारी बंसीलाल डाबर और अर्जुन वर्मा

फसलक्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता के करने पर कन्‍नौद-खातेगांव-सोनकच्‍छ अनुभाग में पदस्‍थ 16 पटवारियों की संबंधित अ‍नुविभागीय अधिकारी द्वारा सेवा समाप्त की गई है। जिसमें बंशीलाल डाबर, प्यारसिंह सोलंकी, अमित कुशवाह, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेन्‍द्र मण्‍डलोई, नंद किशोर शर्मा, अनिरूद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल, अजय चौधरी की सेवा समाप्त की गई है।
उल्‍लेखनीय है कि वित्तीय अनियमितता पर पूर्व में पटवारी अनिल मालवीय तहसील टोंकखुर्द, पटवारी समरथलाल जांगडे तहसील टोंकखुर्द तथा सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय कन्‍नौद राहुल कर्मा, सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय सोनकच्‍छ राहुल माली की भी सेवा समाप्‍त की गई।

देवास जिले में दो गिरफ्तारी…

देवास जिले में पिछले लगभग एक वर्ष से चर्चा में रहे मुआवजा राशि वितरण में वित्तीय अनियमितता के मामले में पहली दो गिरफ्तारी हुई है। सतवास पुलिस ने पटवारी बंशीलाल डाबर और अर्जुन वर्मा को गिरफ्तार किया है। हाल ही में कलेक्टर ने जिन पटवारियों की सेवा समाप्त की थी, उसमें यह दोनों भी शामिल थे। राजस्व विभाग ने पूर्ण रूप से दोषी मानकर इनकी सेवा समाप्त कर दी, जिसके महज तीन दिन के भीतर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। सतवास थाने पर धारा 409, 420 में प्रकरण दर्ज किया था। निलंबित होने के बाद दोनों को खातेगांव पदस्थ किया था। लंबे समय से फरार चल रहे थे। चुनाव में लगाई ड्यूटी में भी नदारद थे। 

बाकी पटवारी और बाबू हैं जमानत पर…

किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि के वितरण में वित्तीय अनियमितता के मामले में देवास जिले के कुल 18 पटवारियों और 2 लिपिकों को विभागीय जांच में दोषी पाया गया था। जिन पर खातेगांव, कन्नौद, सतवास और सोनकच्छ थाने में मामले दर्ज हुए। एफआईआर के बाद सभी ने एडीजे कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जो निरस्त हो गई थी। इसके बाद बंशीलाल डाबर और अर्जुन वर्मा को छोड़कर शेष सभी को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। इसलिए इस मामले में इन दोनों के अलावा किसी अन्य की गिरफ्तारी नहीं हुई।

कहां कितना हुआ था घोटाला…?

शिवपुरी में चार कर्मचारियों ने दो करोड़ 77 लाख 62 हजार, मंदसौर में 64 लाख 51 हजार, छतरपुर में 37 लाख 95 हजार 347, खंडवा में 11 लाख 61 हजार, आगर-मालवा में 23 लाख 87 हजार, रायसेन में 70 लाख 60 हजार, सतना में 12 लाख 94 हजार, श्योपुर में दो करोड़ 83 लाख 88 हजार, देवास में एक करोड़ 45 लाख, सीहोर में एक करोड़ 13 लाख 46 हजार और चंबल संभाग में दो करोड़ 24 लाख 31 हजार रुपये के भुगतान में गड़बड़ी हुई। छतरपुर, सतना और आगर मालवा में 60 लाख 31 हजार रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी है।

संपादक

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