शंकरगढ़ पहाड़ी बचाने के लिए लाम बंद हुए लोग

पहाड़ी के प्राकृतिक सौंदर्य से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

शंकरगढ़ पहाड़ी बचाओ मंच ने दिया ज्ञापन

भोपाल चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक रैली के रूप में पहुंचे कार्यकर्ता

देवास। देवास की शंकरगढ़ पहाड़ी… जहां कभी फिल्म सिटी बनाने की बात चली तो कभी एम्यूजमेंट पार्क.. आखिरकार वहां देश का सबसे पहला फेरिस व्हील बनना तय हुआ। देश के इस पहले 1 हजार करोड़ की लागत से फेरिस व्हील को धरातल पर लाने के लिए प्रदेश की औद्योगिक नगरी इंदौर के उद्यमी प्रयासरत हैं। इधर देवास में शंकरगढ़ की पहाड़ी पर किसी तरह की छेड़छाड़ ना हो इसके लिए शंकरगढ़ पहाड़ी बचाओ मंच तैयार किया गया है। जिसके बैनर तले आज बड़ी तादाद में युवा भोपाल चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक रैली के रूप में पहुंचे और अपर कलेक्टर के सामने अपना विरोध दर्ज कराया।आपको बता दे की देवास की शंकरगढ़ पहाड़ी पर कुछ वर्षों पहले जमकर उत्खनन किया गया। लेकिन बाद में एनजीटी में मामला जाने के बाद पहाड़ी का उत्खनन तो बंद हो गया। फिर शंकरगढ़ पहाड़ी पर फिल्म सिटी बनाने की कवायत चली तो कभी एम्यूजमेंट पार्क की। तत्कालीन कलेक्टर चंद्र मौली शुक्ला ने शंकरगढ़ पहाड़ी पर पौधारोपण की मुहिम चलाई तो बड़ी तादाद में शहर वासी वहां पहुंचे और पौधारोपण किया। अब एक बार फिर शंकरगढ़ पहाड़ी चर्चाओं में है। क्योंकि वहां फेरिस व्हील बनाने की कवायत शुरू हो गई। इसके बाद शहर के तमाम युवा इस बात के पक्ष में नहीं है की पहाड़ी पर कुछ छेड़छाड़ की जाए और उसके प्राकृतिक सौंदर्य को बदल जाए। इसी के चलते आज शंकरगढ़ पहाड़ी बचाओ मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और उन्होंने शंकरगढ़ पहाड़ी के प्राकृतिक स्वरूप में किसी भी तरह के बदलाव करने का या फिर यहां फेरिस व्हील बनाने का विरोध किया है। शंकरगढ़ पहाड़ी बचाओ मंच के कार्यकर्ता भोपाल चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक रैली के रूप में पहुंचे और उन्होंने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर पहाड़ी के प्राकृतिक सौंदर्य को बरकरार रखने की मांग की है। साथी यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर पहाड़ी के प्राकृतिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जाती है तो वह उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

Rai Singh Sendhav

संपादक

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